जानिए सोलह सिंगार के पीछे का वैज्ञानिक महत्व

By Ek Baat Bata | Aug 26, 2020

हिंदू धर्म के अनुसार बहुत से रीति रिवाज और रतन ऐसे बनाए गए हैं जिनको मानना और उनका पालन करना बेहद जरूरी होता है। इन रीति-रिवाजों का पालन करना पवित्रता और पतिव्रता नारी के लिए जरूरी होता है। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं सोलह सिंगार के बारे में जोकि हर शादीशुदा महिला के लिए बेहद जरूरी होता है वैसे आपने सोलह सिंगार के कई सारे धार्मिक कारण सुने होंगे जैसे इससे पति की उम्र लंबी होती है और आपके जीवन में खुशी और प्यार बना रहता है। वैसे तो धार्मिक मान्यताओं के पीछे कई सारे वैज्ञानिक सच भी होते हैं और आज हम आपको इन्हें वैज्ञानिक सच के पीछे के तथ्य बताने वाले हैं।

सबसे पहले हम बात करने वाले हैं बिंदी या कुमकुम की

शादीशुदा औरतों के लिए माथे पर बिंदी सजाना बेहद जरूरी बताया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह शिवजी से जोड़ा जाता है लेकिन अगर हम विज्ञान की नजरों से देखें तो बिंदिया कुमकुम का प्रयोग गुस्से को कम करने के लिए किया जाता है। विज्ञान का कहना है कि जब व्यक्ति को गुस्सा आता है तो तनाव की लकीरें हमारे दोनों के बीच नजर आती हैं और बिंदिया कुमकुम लगाए तो दिमाग ठंडा रहता है इसलिए बिंदी का लगाना अच्छा होता है।

सिंदूर

महिलाओं के सिंगार का दूसरा भाग होता है सिंदूर, यह किसी भी महिला के लिए भावनात्मक रूप से जुड़ा होता है। वैसे तो आज के बदलते जमाने के साथ महिलाएं इसे लगाने से बचती है। शरीर के हिस्से को सबसे जरूरी और सबसे संवेदनशील समझा जाता है। अगर बात करें विज्ञान की सिंदूर लगाने से हमारा मस्तिष्क तेज होता है। असल में सिंदूर में मरकरी पाया जाता है जोकि केवल अकेली ऐसी धातु है जो तरल रूप में पाई जाती है। इसका ठंडा होना दिमाग को सभी चिंताओं से मुक्त करता है और यह शरीर में खून के संचार के साथ ही आपकी सेक्स करने की क्षमता को भी बढ़ाने में सहायक है।

मांग टीका

सिंदूर के ऊपर मांग के बीच में लगाए जाने वाले सिंगार को मांग टीका कहते है। हमारे शरीर में गर्मी को नियंत्रित करने के लिए मांग टीका लगाया जाता है इसके अलावा वर्क प्रेशर को भी नियंत्रित करने में सहायता मिलती है। जैसे जैसे रोज लगाना संभव नहीं होता पर किसी भी खास उत्सव पर इसे पहना जाता है। नॉर्मल बिंदी और सिंदूर इसकी कमी को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

चूड़ियो की खनक

चूड़ियां पहनना हर शादीशुदा महिला को पसंद होता है। आमतौर पर चूड़ी को कभी भी पहना जा सकता है पर शादी के बाद नई दुल्हन के लिए कांच की चूड़ियां पहनना जरूरी होता है। इसके पीछे के कारण को विज्ञान के अनुसार माना जाता है कि कांच में सात्विक और चैतन्य अंश अधिक होते हैं। इस वजह से चूड़ियों के आपस में टकराने से जो खनक उत्पन्न होती है वह नकारात्मक ऊर्जा को हमारे जीवन से दूर करती है। इसके अलावा चूड़ियों की खनक विवाहिता के आस पास होने का एहसास कराती है।

प्यार की निशानी मंगलसूत्र

जिस प्रकार शास्त्रों में बताया जाता है कि मंगलसूत्र दो जीवो को एक साथ बांधने का काम करता है। यह बहुत ही नाजुक होता है लेकिन इसका रिश्ता सबसे मजबूत होता है। विज्ञान में माना गया है कि मंगलसूत्र पहनने से हमारे शरीर का ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है। हमारे देश में अधिकतर महिलाएं बेहद ज्यादा काम करती हैं।इसलिए उनका ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए मंगलसूत्र पहना जाता है। धर्म में मंगलसूत्र को अंदर छिपाकर पहनने के लिए कहा गया है इसके पीछे का कारण विज्ञान के अनुसार ये है कि मंगलसूत्र शरीर से छुता रहना चाहिए ताकि वह ज्यादा से ज्यादा असर कर सके।

झुमका

अब बात करते हैं झुमके कि क्योंकि यह महिलाओं के कानों में पहने जाते हैं। वैसे तो कानो में झुमका पहनना ट्रेड है लेकिन इसका हमारे शरीर पर बेहद फायदेमंद असर होता है। कान में छेद कर उसमें किसी भी धातु के रिंग पहनना हमारे शरीर के पीरियड्स को कंट्रोल में रखता है और साथ ही सोने के रिंग पहनने से शरीर में ऊर्जा बनती है और चांदी के इयररिंग पहनने से शरीर की अधिक ऊर्जा को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है।

नोज पिन

आज के जमाने में लड़कियां या औरतें फैशन में डूब कर नोज पिन पहनना छोड़ देती है लेकिन अगर आप नाक में लो पहनते हैं तो इसके पीछे भी कई सारे तथ्य हैं पहला तो नाक की नथ आपकी सुंदरता में चार चांद लगा देती है साथ में आपके पति भी आपसे खुश होते हैं इसके पीछे विज्ञान का कहना है कि नाक मिलो या ना जो भी हम पहनते हैं उससे हमारा साथ नियंत्रित होता है हर महीने होने वाले पीरियड से संबंधित हमारी जो भी परेशानियां होती हैं उनको कम करने में मदद मिलती है इसका एक कारण है कि बाएं नाक की नारों का संबंध सीधे महिलाओं के गर्भाशय से होता है जो कि प्रसव पीड़ा के दौरान होने वाली समस्याओं से भी छुटकारा दिलाता है।

अंगूठी

अंगूठी पहनना खूबसूरती को बढ़ाता है। इससे आपके हाथ आकर्षक लगते हैं वही अंगूठी का सीधा संबंध हमारे दिल से होता है। आमतौर पर शादी के बाद हाथों की उंगलियों में अंगूठी पहनी जाती है। शादी की पहली रसम अंगूठी पहनना ईयर रिंग सेरेमनी होती है क्योंकि अंगूठी का सीधा संबंध दो दिलों को जोड़ने का काम करता है। वैज्ञानिकों के अनुसार अंगूठी से दिल की बीमारी नहीं होती साथ ही दिमाग शांत रहता है और शरीर में एकाग्रता भी बढ़ती है।

कमरबंद

कमरबंद नाभि के नीचे या कहार पर जो भी हम पहनते हैं वह कमरबंद कहलाता है। इसे अधिकतर शादी के बाद पहना जाता है। इससे खूबसूरती में चार चांद तो लगते हैं साथ ही महिलाओं को अधिकार दिलाने का भी यह प्रत्येक कहलाता है। कमरबंद अधिकतर चांदी का होता है जिससे महिलाओं को पेट से संबंधित कोई भी बीमारियां नहीं होती और प्रेग्नेंसी के समय प्रेगनेंसी सिस्टम भी सही रहता है।

बाजूबंद:

बाजूबंद गणेश या चूड़ी के आकार वाले आभूषण जो कि आप अपने बाजू में पहनते हैं उसे बाजूबंद कहते है। यह बाहों में पूरी तरह से कैसा रहता है। पहनने से शरीर में खून का संचार बना रहता है और हाथों में दर्द भी नहीं होता।

बिछुआ

शादी के बाद हमारे देश में किसी भी कोने में चले जाएं या किसी भी गांव में या किसी शहर में महिलाओं के पैरों में बिछुआ या बिछिया जरूर नजर आते हैं। इसके पीछे का सबसे बड़ा वैज्ञानिक कारण है कि पैर की जिन उंगलियों में बिछुआ पहना जाता है उनका सीधा संबंध हमारे शरीर के गर्भाशय और दिल से हैं, इन्हें पहनने से महिलाओं को गर्भधारण करने में आसानी होती है और मासिक धर्म भी नियमित रहता है।

जुड़ा बंद

बालों को बांधकर जुड़ा बनाया जाता है उस पर जुड़ा बंद लगाने से महिलाओं की शुद्धता और आकर्षण और अधिक बढ़ जाती है साथ ही यह बालों को टूटने से भी रोकते हैं। जुड़ा बंद लगाने से सिर दर्द माइग्रेन जैसी बीमारियां नहीं होती।

मेहंदी

हाथों में मेहंदी और पैरों में महावर लगाने का महत्व हमारे शास्त्रों में अधिक है। इसका कारण सिर्फ सुंदर दिखना नहीं बल्कि इसका सीधा कनेक्शन हमारे स्वास्थ्य से हैं। मेहंदी को हमारे यहां औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, यह हमारे मस्तिष्क से तनाव को दूर करने में सही साबित होती है। मेहंदी लगाने से शरीर को शीतलता मिलती है।

काजल

शरीर में आंखें सबसे सुंदर अंग होता है, किसी को भी लुभाने में आंखों का सबसे बड़ा महत्व होता है। वैसे तो हम फैशन में आंखों को गहरा और काला दिखाने के लिए भी काजल लगाते हैं लेकिन इसके अलावा काजल में मौजूद महत्वपूर्ण तत्व आंखों की रोशनी को बढ़ाने में सहायता करते हैं और आंखों में काजल या सुरमा लगाने से आंखों से संबंधित बीमारियां दूर होती है।आपने देखा भी होगा कि जब आपकी आंखों में बचपन में कोई परेशानी होती थी तो आपकी दादी मां आपको काजल लगा देती थी।

उबटन

विवाह से पहले दुल्हन का उबटन लगाकर स्नान कराया जाता है। माना जाता है कि उबटन से नहाने पर शरीर का नोट बढ़ जाता है और चेहरा निखर जाता है। यह बात बिल्कुल शत प्रतिशत सही है लेकिन इसके पीछे का पूरा सच यही है कि उबटन लगाने से शरीर में बंद पड़े रोम छिद्र खुल जाते हैं और शरीर में ऑक्सीजन और रक्त का संचार अच्छे से होने लगता है।

तो ऊपर दिए गए तथ्यों के आधार पर आप जान गए होंगे कि आखिर सोलह सिंगार के पीछे का धार्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व भी बहुत है। इसलिए फैशन या ट्रेंड में आकर आप सोलह सिंगार या कोई भी स्वास्थ्य से जुड़ी चीजों को नजरअंदाज ना करें बल्कि इनको अपने जीवन में धारण करें।